बृजभाषा साहित्यकार अंतर प्रांतीय बंधुत्व यात्रा
ब्रजभाषा साहित्यकार अंतर प्रांतीय बंधुत्व यात्रा का गुजरात चौथा दिन
आज राजकोट में चाय पर ब्रजभाषा साहित्य की चर्चा
राजकोट। ब्रजभाषा साहित्यकार अंतर प्रांतीय बंधुत्व यात्रा का चतुर्थ पड़ाव आज आनंद से राजकोट होते हुए पोरबंदर रहा। चाय पर ब्रजभाषा साहित्य की चर्चा कार्यक्रम में आज राजकोट में ब्रजभाषा साहित्य पर चर्चा की गई।
अकादमी सचिव गोपाल गुप्ता ने बताया कि साहित्यकारो का कुंजेश विट्ठलानी, शीतल विट्ठलानी, केयुष एवं भरत भाई ने स्वागत किया। कार्यक्रम में ब्रजभाषा के साहित्यकारों ने ब्रजभाषा के पदों का प्रस्तुतीकरण करते हुए ब्रजभाषा का गौरव गान किया। उन्होंने बताया योगेश्वर श्री कृष्ण की भाषा राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा प्रदेश से होती हुई संपूर्ण भारत में किस तरह से फैली और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश से बाहर विदेशों में ब्रजभाषा का प्रसार प्रचार जिस गति से बढ़ा है इसके बारे में चर्चा की गई।
गुप्ता ने बताया कि कल गांधी जयंती के अवसर पर पोरबन्दर स्थित कीर्ती मन्दिर में भी ब्रजभाषा काव्यपाठ का कार्यक्रम है।
ब्रजभाषा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए उपस्थित सभी लोगों ने संकल्प लिया ।
कार्यक्रम में राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी के सचिव गोपाल गुप्ता पूर्व सचिव विट्ठल परीक जो इस यात्रा के संयोजक भी हैं ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। इस दौरान अकादमी सचिव ने सभी आयोजकों को ब्रज इकलाई पहना कर सम्मान किया।
यात्रा में ब्रजभाषा के 11 साहित्यकार यात्रा कर रहे हैं जिनमें भूपेंद्र भरतपुरी, विट्ठल पारीक,सचिव गोपाल गुप्ता, भगवान सहाय परीक, कमलेश कमल, ओमप्रकाश आजाद, गौरव पालीवाल, रमेश बैरवा एवं धर्मेंद्र सोनी हैं।
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